अमेरिका की बढ़ी चिंता, चीनी हैकर्स किसी भी युद्ध के दौरान अमेरिकी सैन्य अभियानों को कर सकते है बाधित
वॉशिंगटन: चीन इस समय अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी है। अमेरिका कई मौकों पर चीन की जासूसी से परेशान हो चुका है। लेकिन क्या चीन की जासूसी का खतरा अमेरिकी सेना के अंदर तक पहुंच गया है? न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी कई रक्षा प्रणालियों में छिपे चीनी मैलवेयर की तलाश कर रहे हैं, जो मिलिट्री संचार और आपूर्ति संचालन को बाधित कर सकते हैं। प्रशासन का मानना है कि खराबी पैदा करने वाले कंप्यूटर कोड मिलिट्री बेस के पावर ग्रिड, कम्युनिकेशन सिस्टम और पानी सप्लाई को नियंत्रित करने वाले नेटवर्क के अंदर छिपा हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस खोज से यह चिंता बढ़ गई है कि चीनी हैकर्स किसी भी युद्ध के दौरान अमेरिकी सैन्य अभियानों को बाधित कर सकते हैं। ताइवान के साथ-साथ इंडो-पैसिफिक में चीन की कार्रवाई को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहे हैं। अमेरिकी कांग्रेस के एक अधिकारी ने बताया कि मैलवेयर एक ‘टिक-टिक करते टाइम बम’ की तरह है, जो सैन्य ठिकानों पर बिजली, पानी और कम्युनिकेशन में कटौती कर सकता है या उन्हें धीमा कर सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि मिलिट्री बेस कई बार उन्हीं बुनियादी ढांचों का इस्तेमाल करते हैं, जिनसे आम नागरिक जुड़े होते हैं। ऐसे में अमेरिकी भी प्रभावित हो सकते हैं। चीनी हैकरों की ओर से हाल ही में किए गए हमलों के पैटर्न से मैलवेयर का खुलासा हुआ है। पिछले सप्ताह चीन में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स का ईमेल अकाउंट हैक कर लिया गया था। वहीं इसी महीने व्हाइट हाउस और माइक्रोसॉफ्ट ने कहा था कि चीन के हैकरों ने दो दर्जन से ज्यादा संगठनों और सरकारी एजेंसियों के ईमेल अकाउंट में सेंध लगाई।
अमेरिकी अधिकारी लगातार चीन को साइबरस्पेस में अमेरिका का सबसे उन्नत विरोधी बताते रहे हैं। एफबीआई का कहना है कि दुनिया के बाकी देशों की तुलना में चीन की सरकार के पास बड़ा हैकिंग कार्यक्रम है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा, ‘विदेश मंत्री बार-बार स्पष्ट कह चुके हैं कि अमेरिकी सरकार, अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों को निशाना बनाना हमारे लिए चिंता का विषय है। जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने से जुड़ी उचित कार्वाई होगी।