मणिपुर में फिर हिंसा, दो की मौत, SP को 24 घंटे में जिला छोड़ने का ‘अल्टीमेटम’
मणिपुर के चुराचांदपुर में हुई हिंसा में 16 फरवरी को एक नाबालिग सहित दो लोगों की मौत हो गई. वहीं 42 से अधिक लोग घायल हो गए. चुराचांदपुर एक कुकी बहुल इलाका है. यहां कुकी समुदाय के एक हेड कांस्टेबल के सस्पेंशन के खिलाफ लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी. जिसके बाद सुरक्षा बलों से हुई झड़प में 2 लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद यहां 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा को सस्पेंड कर दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 16 फरवरी की देर रात को हेड कांस्टेबल के सस्पेंशन के खिलाफ लोगों की भीड़ ने SP और डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस को घेर लिया था. भीड़ को काबू करने के लिए सुरक्षा बलों ने फायरिंग की. इसमें 29 साल के लेटलालखुओल गंगटे और 15 साल के एक अन्य युवक की मौत हो गई.
क्यों सस्पेंड हुआ हेड कांस्टेबल?
जिस हेड कांस्टेबल के निलंबन का विरोध किया जा रहा था, उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में हेड कांस्टेबल को हथियारबंद लोगों के साथ देखा गया था. इंडिया टुडे से जुड़ीं बेबी शिरीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुकी और मैतई दोनों समुदायों की तरफ से उन जिलों के एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं, जहां वे बहुमत में हैं. इन चौकियों की सुरक्षा हथियारबंद लोग करते हैं. ये हथियारबंद लोग खुद को ‘ग्राम स्वयंसेवक’ कहते हैं.
‘ग्राम स्वयंसेवकों’ के साथ वीडियो वायरल होने के बाद हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया था. चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे ने सस्पेंशन का आदेश जारी किया था. उन्होंने इसे ‘गंभीर अनुशासनहीनता’ का मामला बताया था.
इसके बाद चुराचांदपुर के आदिवासी समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने हेड कांस्टेबल के निलंबन को वापस लेने की मांग की. कहा कि इस तरह के वीडियो में हथियारबंद लोगों के साथ दिखने वाले मैतई पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
मणिपुर पुलिस के अनुसार, लगभग 300-400 लोगों की भीड़ ने SP और डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस को घेर लिया. पुलिस ने बताया कि लोगों ने ऑफिस का गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की. इसके बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो गई. क्षेत्र से आगजनी और झड़प की खबरें भी आईं.
SP को जिला छोड़ने की चेतावनी
ITLF ने पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे और डिप्टी कमीश्नर एस धारुन कुमार को इस हिंसा का जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने चुराचांदपुर में बंद का आह्वान किया. साथ ही ITLF ने पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे को 24 घंटे के अंदर मणिपुर छोड़ने को कहा है.
ITLF ने एक बयान में कहा कि अगर SP निष्पक्षता से काम नहीं कर सकते, तो हम उन्हें किसी भी आदिवासी इलाके में नहीं रहने देंगे. उन्हें तत्काल पुलिसकर्मी का निलंबन रद्द कर 24 घंटे के अंदर जिला छोड़ देना चाहिए. अन्यथा, भविष्य में किसी भी घटना के लिए पूरी तरह से सुर्वे जिम्मेदार होंगे’.
डिप्टी कमिश्नर एस धारुन कुमार ने एक्सप्रेस से कहा कि वो स्थिति के आधार पर निर्णय लेंगे क्योंकि SP और DC किसी जिले के लोगों को छोड़कर गायब नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो उन्हें आम जनता की रक्षा करनी है, इसीलिए वो यहां हैं.
केंद्र सरकार मणिपुर में हिंसा खत्म करने के लिए जिन सिविल सोसायटी ग्रुप्स से बात कर रही है, ITLF भी उनमें से एक है.