राजनैतिक द्वेष भावना से एक तरफ़ा की जा रही जांच, किसी भी एकतरफा कार्यवाही के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाऊंगा: अनुज गुप्ता
मसूरी। नगर पालिका परिषद मसूरी के खिलाफ नगर विकास विभाग द्वारा की जा रही विकास कार्यों सम्बन्धी टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच को लेकर छपी खबरों को लेकर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उनके द्वारा किए जा रहे ऐतिहासिक विकास कार्यों से परेशान होकर यह एक तरफा जांच की जा रही हैं। सभी कार्य जनता से जुड़े हैं और यदि उनको शासन से कोई नोटिस दिया जाता है, तो उसका सभी तथ्यों के साथ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि यदि राजनैतिक द्वेष भावना से उन पर किसी प्रकार से अनावश्यक दबाव बनाया जाता है और एक तरफा कार्यवाही की जाती है तो वे उच्च न्यायालय की शरण में जायेंगे, जहा से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
बीते रोज विभिन्न समाचार माध्यमों में सुर्खियों में रहे नगर पालिका परिषद मसूरी में किए जा रहे विकास कार्यों में बरती गई लापरवाही और अनियमितताओं की खबरें चर्चा में रही है। जिसका संज्ञान लेते हुए पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने साफ किया है कि जो जांच की गई है वह एक तरफा जांच की गई है और निष्कर्ष पर पहुंचने से पूर्व उनसे कोई सवाल नही किए गए। उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है कि यह पूरी जांच उन्हें परेशान करने और दबाव में लाने के मकसद से की गई है। उन्होंने कहा है कि वह पहले भी कई बार कह चुके हैं कि हर विकास कार्य की निष्पक्ष जांच हो, जिसमे वह पूरा सहयोग करेंगे। लेकिन हाल ही में जिस तरह से एक तरफा जांच कर शासन को भेज दी जाती है, उससे यही प्रतीत होता है कि बिना पालिका के पक्ष को सुने ही निष्कर्ष निकाल कर उनकी उनको दबाव में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में हुए विकास कार्यों से विरोधी परेशान और हैरान है। यही वजह है कि झूठे व तथ्यहीन आरोप लगाकर एक तरफा जांच बिठाई जाती है और तथ्यहीन निष्कर्ष निकालकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि सरकार किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उनके पक्ष को भी सुने। उनके पास हर आरोप के विरुद्ध तथ्य हैं। निराधार व तथ्यहीन आरोप लगाकर यदि सरकार कोई कदम उठाती है तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे। जहां से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि जो भी विकास कार्यों के टेंडर हुए वे शासन की अनुमति से हुए हैं। कंपनी गार्डन टेंडर में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि वर्तमान बोर्ड द्वारा गार्डन से राजस्व को डेढ़ लाख से बढ़ाकर 67 लाख किया गया है। भ्रष्टाचार तब होता जब पालिका द्वारा राजस्व की हानि की जाती। उन्होंने कहा कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराया हुआ विपक्ष इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाकर केवल जनता के विकास कार्यों में रोड़े अटकाने का कार्य कर रहा है। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड व पालिकाध्यक्ष का टेंडर प्रक्रिया में कोई लेना देना नही होता है, यह 2017 की अधिप्राप्ति नियमावली में साफ है। इसके लिए शासन द्वारा विशेष रूप से गठित कमेटी ही टेंडर प्रक्रिया को संपन्न करवाती है। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों के टेंडर शासन की अनुमति के बाद किए गए और नियमानुसार किए गए हैं। पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसी भी जांच में पालिका के पक्ष को भी सुने। बिना तथ्यों के किसी निष्कर्ष पर न पहुंचा जाए।