मसूरी सिवरेज योजना में बड़े घोटाले की आशंका, 15 साल में तीन बार बढ़ा बजट, फिर भी खामियाजा भुगत रही जनता
- 2009 में शुरू हुआ था मसूरी सिवरेज योजना का कार्य
- जिस सिवरेज योजना को तीन साल में होना था पूरा वह 15 साल बाद भी अधूरी
मसूरी। पर्यटन नगरी में वर्ष 2008-9 में 61.73 करोड़ की लागत से शुरू हुई मसूरी सीवरेज योजना में बड़े घोटाले की बू आ रही है, मगर प्रदेश सरकार इसकी जांच के लिए बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं आ रही।
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दरअसल मसूरी सिवरेज योजना में घोटाला होने का अंदेशा इसलिए भी है क्योंकि 15 सालों में यह धरातल पर तो नही उतर सकी है, लेकिन इस दौरान इसका बजट कई बार बढ़ाया गया है। जो कि लगभग 130 करोड़ पहुंच गई है। जिससे पेयजल निगम के अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से बड़े घोटाले का अंदेशा है। इस तरह अब तक इस योजना पर सवा अरब खर्च होने पर भी मसूरीवासियों को इसका लाभ अब तक नही मिल पाया है। विभाग द्वारा कहा गया था कि यह योजना तीन साल में पूरी हो जायेगी, जिसके पूर्ण होने के बाद मसूरी की जनता को बार बार होने वाली सीवर की समस्या से निजात मिल सकेगी। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि 15 साल बाद भी पेयजल निगम के दावे खोखले साबित हुए है। इस कारण हालात यह हो गए है कि आज मसूरी की सड़को पर हर जगह सीवर बहता नजर आ जाता है। जिसके कारण राहगीरों को सीवर की गंदगी व दुर्गंध के साथ ही भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि विभाग का रोना धोना यह है कि इस योजना में कुछ नए क्षेत्र जोड़े गए हैं। 10 किमी सीवर लाइन और डाली जानी है और पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और बन रहे हैं। जिनका कार्य प्रगति पर है। इनमें घोबीघाट, भिलाड़ू, कंपनीबाग, आर्केडिया तथा कैमल्स बैक रोड शामिल हैं। विभाग का कहना यह भी है कि 65 किमी सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है। पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पूरे हो चुके हैं। जिनको जल संस्थान को हैंडओवर किया जा चुका है।लेकिन सत्य यही है कि पेयजल निगम द्वारा कछुआ गति से किया जा रहा कार्य योजना में भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। इस योजना के तहत अभी तक दो ही एसटीपी पूरे बन पाये हैं, बाकी तीन अभी तक अधर में हैं। लेकिन इस धीमी गति से यदि कार्य चलता रहा तो आने वाले दिनों में मसूरीवासियों के सामने सीवर की और भी विकट समस्या पैदा होना तय है। इसकी एक बानगी आज मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों के जगह जगह बहते सीवर से पता चल जाता है। यही कारण हैं कि आज भी इसे जलसंस्थन के हैंडओवर नही किया गया है।
इस संबंध में नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि मसूरी में विभिन्न स्थानों पर खुले में बह रही सीवर से पेेेयजल निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में विभाग के उच्च अधिकारियों से कई बार पत्राचार और वार्ता भी की, लेकिन अब तक यह परियोजना धरातल पर नहीं उतर पाई है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही देश विदेश में मसूरी की छवि धूमिल हो रही है। पालियाकध्यक्ष ने कहा कि किन कारणों से हर जगह सीवर लाइन बंद हो रही हैं, यह जांच का विषय है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि सिवरेज योजना की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाय और जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इस योजना को पूर्ण करवाया जाए, ताकि मसूरी की जनता को इसका लाभ मिल सके।
पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि इस योजना के शुरू होने के समय जो जूनियर इंजीनियर था वह अब एक्शन होकर रिटायर हो भी हो गया है और 62 करोड की योजना 130 करोड़ पहुच गई, लेकिन इसका लाभ अभी तक मसूरी की जनता को नही मिल पाया, इससे आक्रोश होना लाजिमी है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने इस परियोजना में घोटाले की आशंका जताते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की बात करते हुए कहा कि अंग्रेजों के जमाने से बिछी सीवर लाइन पर ही शहर के वासी निर्भर हैं। नई सीवर लाइन बिछाने का कोई भी लाभ यहां के निवासियों को नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि यदि इस योजना को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी इसको लेकर आंदोलन के लिए बाध्य होगी और जिसकी समस्त जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी।