माकपा व सीटू ने मंहगाई, बेरोजगारी पर रोक लगाने सहित कर्मचारियों की विभिन्न मांगो को लेकर किया प्रदर्शन

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मसूरी। भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अहवान पर सेंटर फॉर ट्रेड यूनियन(CITU) के मसूरी इकाई ने सितंबर अभियान के तहत पार्टी के जिला सचिव कामरेड राजेंद्र पुरोहित व सीटू के प्रदेश सचिव कामरेड लेखराज के नेतृत्व में सीटू कार्यकर्ताओं ने देश में बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी पर रोक लगाने, न्यूनतम वेतन 2600 करने, आंगनवाड़ी व आशा कार्यकत्रियों को राज्य कर्मचारी घोषित करने की मांग व केंद्र और राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। 

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार माकपा व सीटू से संबद्ध यूनियनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर एकत्रित हुए। जहां उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार एवम प्रदेश की धामी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद वे उपजिलाधिकारी कार्यालय प्रांगण तक जुलूस लेकर गए। इस दौरान उन्होंने आशाओं, आंगनबाड़ी, सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत संविदा कर्मियों, होटल वर्कर्स, भोजनमाताओं आदि की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। 

इससे पहले शहीद स्थल पर धरने को संबोधित करते हुए सीटू के प्रांतीय सचिव कामरेड लेखराज ने मोदी सरकार व प्रदेश की धामी सरकार की जनविरोधी नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा जहां मोदी सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को खत्म कर चार श्रम संहिता को अघोषित रूप से लागू किया जा रहा है, वहीं धामी सरकार सार्वजनिक उपक्रमों में आउटसोर्सिंग व ठेका प्रथा को बढ़ावा देने का काम रही है। उन्होने कहा कि महगाई के दौर में किस तरह गरीब मजदूर अपने परिवार का पालन कर रहा है यह चिंता का विषय है। का0 लेखराज ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों का साढे नौ हजार न्यूनतम वेतन है, ऐसे में गरीब कर्मचारी व मजदूर वर्ग का गुजारा करना कठिन हो गया है। सरकार को इसको समझना चाहिए और न्यूनतम वेतन 26000 करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में लगातार बेरोजगारी बढ रही है, इसके बावजूद सरकार लगातार रोजगार छीनने का कार्य कर रही है व बड़े संस्थानों में छंटनी की जा रही है व रेगुलर भर्ती न कर ठेके पर मजदूर रखकर शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि आशा, भोजन माता व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राजकीय कर्मचारी घोषित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा,  पेंशन व ग्रेजुएटी भी दी जानी चाहिए। 

इस मौके पर सीटू मसूरी इकाई के संयोजक कामरेड भगवान सिंह चौहान ने मोदी सरकार की जनविरोधी व पूंजीपति परस्त नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्र में तानाशाह सरकार चल रही है, जो आम जनता व मजदूरों की आवाज को दबाने का कार्य कर रही है। यही कारण है कि मोदी सरकार लगातार श्रमिकों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए श्रम कानूनों में भारी बदलाव कर रही है। जब भी महंगाई बेरोजगारी, गरीबी जैसे मुद्दो पर बात होती है तो मोदी सरकार आम जनता का ध्यान भटकाने के लिए नए नए शिगूफे छेड़ देती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार जहां पूंजीपति वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंप रही है, वहीं धामी सरकार आशाओं व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार देने के बजाय सरकार द्वारा सभी निकायों के संविदा कर्मियों को हटाने व आउटसोर्सिंग से कर्मचारी रखने का फरमान भी जारी कर दिया गया है,  जिसका सीटू पुरजोर विरोध करती है। 

इस मौके पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के जिला सचिव कामरेड राजेंद्र पुरोहित ने कहा कि मोदी सरकार 2014 में महंगाई कम करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में जरूरत की वस्तुओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। जिससे गरीब आदमी का जीना दुश्वार हो गया है। इसके साथ ही देश में बेरोजगारी में भी बेहतशा वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपानीत मोदी सरकार व राज्य की धामी सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने में मस्त है। मुख्य मुद्दों पर उठने वाली आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है। सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं के बढ़ती कीमतों व बेरोजगारी को नियंत्रित करने को लेकर  ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान भी आत्महत्या करने पर मजबूर है। केंद्र सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों के कारण श्रमिको का शोषण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों को खत्म किया जा रहा है, ताकि ट्रेड यूनियनों पर शिकंजा कसा जा सके। उन्होंने कहा कि माकपा सरकार की ऐसी नीतियों का पुरजोर विरोध करती है। का0 पुरोहित ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर किया जा रहा है, जिससे महंगाई में बेहताशा बढ़ोतरी हुई है।  उन्होंने कहा कि इन तमाम समस्याओं को लेकर सीटू व माकपा द्वारा उपजिलाधिकारी नंदन कुमार के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया है।

इस मौके पर उन्होंने सीटू से जुड़े तमाम यूनियनों के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि 28 सितम्बर को राजधानी देहरादून में होने वाली रैली में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें।

धरने में होटल रेस्टोरेंट कर्मचारी संघ के महासचिव बिक्रम बलूडी, बैशाख सिंह, जितेंद्र कैंतुरा, आंगनवाडी कार्यकत्री सेविका यूनियन की अध्यक्ष जयश्री बिष्ट, सचिव ममता राव, आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की अध्यक्ष सुनीता सेमवाल, शैला यहुन्ना, सुधा कंडारी, सुनीता तेलवाल, मीना नेगी, गीता कंडियाल, सरस्वती बिष्ट, प्रमिला भटट, दीपा, राजेंद्र चौहान, कुशाल सिंह कंडारी, सोहन सिंह, मजदूर संघ के पूर्व मंत्री गंभीर सिंह पंवार, महिपाल सिंह रावत, विजय सिंह कंडारी, राकेश सिंह, मकान सिंह कंडारी सहित बड़ी संख्या में आशा कार्यकत्री, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व होटल कर्मचारी मौजूद रहे।

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भगवान सिंह चौहान(संपादक) मोबाइल: 7060969229, 9258205597