व्यापार संघ ने शिक्षा मंत्री और एमपीजी कालेज के प्रधानाचार्य को ज्ञापन दिया, सीयूसीईटी से मुक्त कर प्रवेश देने की मांग की
मसूरी। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने एमपीजी कालेज के प्रधानाचार्य को ज्ञापन देकर मांग की है कि कालेज में अध्ययन का सपना लिए आये स्थानीय व ग्रामीण छात्र छात्रों को सीयूसीईटी से मुक्त कर प्रवेश दिया जाय ताकि वे अपना भविष्य बना सकें। ज्ञापन प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा. धन सिह रावत को भी दिया गया। सीयूसीईटी के कारण छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, ने स्नातक में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट सीयूईटी को अनिवार्य किया है, लेकिन राज्य के विश्वविद्यालय और कॉलेज अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं। महाविद्यालय शिक्षकों के मुताबिक यूजीसी की नई व्यवस्था के तहत दाखिले के लिए छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। इसके बाद प्रवेश परीक्षा होगी। प्रदेश के महाविद्यालयों में अभी इसकी कोई तैयारी नहीं थी इसलिए ये व्यवस्था अपनाने पर दिक्कतें आ रही हैं। अवगत कराना है की पंजीकरण की तिथि घोषित तो हुई परंतु उसके जानकारी समस्त छात्र छात्राओं तक ना पहुंच सकी और साथ ही साथ पंजीकरण की ऑनलाइन सेवा से भी सभी छात्र अज्ञात रहे जिसके कारण समय रहते मसूरी के अधिकांश छात्र कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट सीयूईटी के लिये ना ही पंजीकरण करा पाये और ना ही ये परीक्षा दे पाये जिसके कारण महाविद्यालय की 75 प्रतिशत सीट खाली है और छात्र प्रवेश के लिए परेशान हैं। उत्तराखंड के राज्य विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में पुरानी व्यवस्था के तहत ही इंटर के अंकों के आधार पर स्नातक में प्रवेश मिलना चाहिए। ऐसे में यदि अभी सीयूईटी के आधार पर दाखिले की प्रक्रिया शुरू की गई तो कई छात्र दाखिले से वंचित रह सकते हैं।
उत्तराखंड के महाविद्यालयों को इस वर्ष सीयूसीईटी में शामिल नहीं होना चाहिये और ये प्रक्रिया अगले वर्ष से पूर्ण रूप से अधिक से अधिक प्रचार के साथ लागू होनी चाहिये। ज्ञापन के बारे में बताते हुए टेªडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि नये नियमों के तहत सीयूसीईटी के आधार पर प्रवेश होना है जिसमें पंजीकरण होगा व उसके बाद टेस्ट होगा ऐसे में छात्र इसके लिए तैयार नहीं थे। क्यों कि पहाड़ी राज्य होने के कारण छात्रों को इसकी पूरी जानकारी नहीं थी व न ही यहां पर नेट की पूरी सुविधा है ऐसे में छात्रों का भविष्य अंधकार में हो जायेगा। 90 प्रतिशत छात्रों का प्रवेश नहीं हो पाया व वे दर दर भटकर रहे हैं। मांग की गई है कि यहंा के छात्रों को सीयूसीईटी से मुक्त कर नियायत दे व पूर्व की भांति मेरिट के आधार पर छात्र छात्राओं को प्रवेश दिया जाय।
वहीं चेतावनी दी कि यदि छात्रों को इस अन्याय से राहत नहीं दी गई तो एसोसिएशन छात्रों के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच करेगा व वहां धरना प्रदर्शन करेगा व छात्रों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देगा। इस मौके पर प्रभारी प्रधानाचार्य डा. सुनील पंवार ने कहा कि जो ज्ञापन दिया गया है जिसमें सीयूसीईटी से राहत देने की बात की गई है यह संज्ञान में आया है कि अधिकतर छात्रों को इसका पता न होने के कारण छात्र प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला विश्वविद्यालय स्तर का है जिसके लिए ज्ञापन को उप कुलपति व रजिस्ट्रार को भिजवा रहे हैं व वहां से जो आदेश होंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जायेगी।
एसोसिएशन के महासचिव जगजीत कुकरेजा, कोषाध्यक्ष नागेद्र उनियाल, राज कुमार, तनमीत खालसा, अतुल अग्रवाल, छात्रसंघ अध्यक्ष प्रीतम पिंटू, अनिल गोयल, देवी गोदियाल आदि मौजूद रहे।