उत्तराखंड: कई जिलों में भारी बारिश से जगह जगह फंसे हजारों यात्री, महिला समेत चार लोगों की मौत, हालात पर सीएम की नजर

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देहरादून: उत्तराखंड के कई जिलों में आज भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के अनुसार आज भी प्रदेशभर में  मौसम का मिजाज बिगड़ा रहने का अनुमान है। देहरादून, नैनीताल समेत कई जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तीव्र बौछारें पड़ने की आशंका हैं। राजधानी देहरादून में सोमवार रात से बारिश अब भी जारी है। वहीं मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए आज कई जिलों में स्‍कूल व अन्‍य शिक्षण संस्‍थान बंद है। स्वय मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी हालातों पर नजर बनाए हुए हैं।

एक महिला समेत चार लोगों की मौत 

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग व यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जनपद के 40 से अधिक संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण जगह-जगह तीर्थयात्री और कांवड़ यात्री फंसे हुए हैं। देर रात गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण यात्रियों के वाहन गंगनानी के समीप खड़े थे। तभी अचानक भूस्खलन हो गया और पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा एक टेम्पो ट्रेवल्स सहित तीन वाहनों पर गिर गया। मलबे में तीन वाहन दब गए। जिसमें एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई। सभी यात्री मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं। वहीं, अभी तक सात घायलों को अस्पताल भेजा गया है। भटवाड़ी एसडीएम चत्तर सिंह चौहान ने बताया कि घटना में एक टेम्पो ट्रैवलर, एक टवेरा और एक स्विफ्ट डिजायर मलबे में दबे हैं। मृतकों में एक महिला भी शामिल है। सात घायलों में दो गंभीर हैं और पांच सामान्य घायल हैं। इसी तरह गंगनानी से गंगोत्री के बीच करीब 3000 कांवड़ यात्री ऐसे हैं जो रविवार की शाम से अपने वाहनों में हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि उत्तरकाशी-गंगोत्री राजमार्ग पर मलबे की चपेट में आने से तीन वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिस कारण वाहन में सवार चार लोगों के हताहत एवं कुछ लोगों के घायल होने का अत्यंत दु:खद समाचार प्राप्त हुआ है। जिला प्रशासन व एसडीआरएफ द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है और घायलों को समुचित उपचार प्रदान किया जा रहा है। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु प्रार्थना करता हूं। समस्त देवतुल्य जनता से मेरा अनुरोध है कि भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा करने से बचें।

आफत बनी बारिश 

मूसलधार वर्षा उत्तराखंड में आफत बन गई है। वहीं ज्यादातर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा हो रही है, जबकि कहीं-कहीं भारी वर्षा दर्ज की जा रही है। नदियाें का जल स्तर बढ़ने से आसपास की बस्तियों को खतरा पैदा हो गया है। जबकि, पर्वतीय क्षेत्रों में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है।देहरादून में सोमवार रात से बारिश जारी है। यहां जगह-जगह जलभराव हो गया है। डोईवाला में लगातार हो रही वर्षा से सौंग व सुसवा नदी उफान पर है। मारखम ग्रांट ग्राम पंचायत के बुल्लावाला में स्थित राजाजी पार्क के वनों से आने वाले पानी से नाले उफान पर हैं। जिसके चलते कई घरों के आसपास जलभराव हो गया है।

पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में अतिवृष्टि के चलते हरिद्वार में गंगा उफान पर है। हालांकि अभी यह चेतावनी स्तर 293 मीटर से 30 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। तटवर्ती इलाकों पर निगरानी रखी जा रही है। मूसलाधार वर्षा से जगह-जगह जलभराव हो गया है। वर्षा जारी है। चमोली जिले में सोमवार रात्रि से बारिश जारी है। जुम्मा में नाले का जल स्तर बढ़ने के साथ ही जुम्मा गदेरे में मलारी हाईवे पर बना आरसीसी पुल भी बह गया है। जिससे सीमा क्षेत्र की आवाजाही पूरी तरह बाधित है। जुम्मा गांव के समीप बीती रात्रि अधिक वर्षा के कारण जुम्मा नाला उफान पर था , एक बड़ा बोल्डर नाले में बहकर पुल से टकराकर नीचे फंसा था। प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए हाईवे पर इस पुल से आवाजाही बंद करा दी थी बताया गया कि बीआरओ द्वारा निर्मित सीमान्त गांव को जोड़ने वाला पुल रात्रि को बह चुका है। द्रोणागिरी, जेलम, कागा, गरपक, मलारी, कोषा, कैलाशपुर, फरक्या, बम्पा, गमसाली, नीती आदि गांवों का संपर्क दुनिया से टूट गया है। सेना आइटीबीपी की सीमा क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह बाधित है। बताया गया कि गंदले में ऊरेडा के लघु बिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है। कंचनगंगा में बदरीनाथ हाईवे का बड़ा हिस्‍सा बह गया। मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। दोनों और सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं।

रुद्रप्रयाग जिले में लगातार बारिश जारी है। बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में अवरुद्ध है। जनपद में कुल 24 ग्रामीण मार्ग अवरूद्ध चल रहे हैं। टिहरी जिले में भारी वर्षा से ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग व्यासी के पास बंद है, जबकि 25 लिंक रोड बंद है। भारी वर्षा से टिहरी झील का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। टिहरी झील का जलस्तर पिछले तीन दिन में सात मीटर से ज्यादा बढ़ गया है। बीते रविवार को टिहरी झील का जलस्तर 764 मीटर था। भारी वर्षा के बाद मंगलवार तक झील का जलस्तर 772 मीटर के पास पहुंच गया। हालांकि खतरे का लेवल 830 मीटर के बाद है। 

 जगह जगह फंसे हैं हजारों यात्री 

वहीं दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 507 अगलाड़ पुल के समीप पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन से बंद हो गया है। यहां सड़क बीती रात से बंद है। जेसीबी भी मलबा नहीं हटा पा रही है, क्‍योंकि यहां लगातार पहाड़ी से मलबा गिर रहा है। नैनबाग के समीप सुमन क्यारी में भी बोल्डर सड़क पर आने से यातायात बंद है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़कोट से लेकर जानकीचट्टी के बीच करीब 500 तीर्थयात्री फंसे होने की सूचना है। इसी तरह से बंदरकोट और चिन्यालीसौड़ के बीच भी 2000 से अधिक कांवड़ यात्री फंसे हैं। जनपद में अभी भी वर्षा हो रही है। उत्तरकाशी में विभिन्न मोटर मार्ग बंद होने के कारण जनपद के 100 से अधिक गांव सड़क मार्ग से कट गए हैं। जबकि डेढ़ सौ से अधिक गांव में बिजली आपूर्ति ठप है।

कोटद्वार व आसपास के क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मंगलवार तड़के से ही क्षेत्र में तेज बारिश हो रही है, जिस कारण नदियों का भी जलस्तर बढ़ गया है। भाबर क्षेत्र के अंतर्गत सिगड़ी स्रोत से सटे गुज्जर बस्ती में जलभराव हो गया है। प्रशासन की ओर से मौके पर टीम को भेजा जा रहा है।

इसके अलावा उदयरामपुर व सिगड़ी क्षेत्र में भी जलभराव की सूचना है। बारिश के कारण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। एनएच पर फिलहाल यातायात सुचारू है। लेकिन, बारिश के कारण चट्टानों से बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है। तेज बारिश के कारण क्षेत्र में सुबह से ही विद्युत आपूर्ति बाधित है।

पिथौरागढ़ में चीन, नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र में भारी बारिश से नाला उफान पर आ गया। कालापानी में नाले ने कहर बरपाया। कालापानी में उफान पर आए नाले से हुए भूस्खलन से पांच परिवारों की बकरियां मलबे में दब गई हैं। ग्रामीण बाल-बाल बच गए। घटना सोमवार रात्रि साढ़े दस बजे से साढ़े ग्यारह बजे की है। मलबे में दबे बकरियों की गिनती की जा रही है। बताया जा रहा है कि नाले ने विकराल रूप ले लिया था। ग्रामीणों ने दहशत में रात गुजारी।

तीन दिन से मूसलधार वर्षा का दौर जारी

उत्तराखंड में तीन दिन से मूसलधार वर्षा का दौर जारी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक मध्यम से भारी वर्षा के दौर हो रहे हैं और नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण जन-जीवन प्रभावित है। दून में सुबह धूप खिलने के बाद दोपहर में मौसम ने करवट बदली और मूसलधार वर्षा का दौर शुरू हो गया।  चारधाम से समेत तमाम ऊंचाई वाले इलाकों में भी हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। विकासनगर, चकराता, त्यूणी क्षेत्र में 24 घंटे के भीतर प्रदेश में सर्वाधिक 150 मिमी वर्षा दर्ज की गई। लगातार हो रही वर्षा के कारण अधिकतम तापमान में भी गिरावट बनी हुई है। ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक कम है।

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