
जनपद देहराूदन में मातृ एवं शिशु मृत्यु जैसे गंभीर मामलों पर अंकुश हेतु मुख्य विकास अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो व प्रतिनिधियों की बैठक ली
मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जनपद देहराूदन के अन्तर्गत मातृ एवं शिशु मृत्यु की त्रैमासिक बैठक आहूत की गई जिसमें 18 मातृ मृत्यु व 63 शिशु मृत्यु के प्रकरणों की समीक्षा की गई।समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सम्बन्धित सरकारी व निजी चिकित्सालयों, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, ए0एन0एम0 व आशा कार्यकत्रियों से सम्बन्धित प्रकरणों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई तथा प्रभावित परिवारो के समक्ष मृत्यु के कारणों का विस्तृत विश्लेषण किया गया।
समीक्षा के उपरान्त मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि ए0एन0सी0 से लेकर संस्थागत प्रसव एवं एच0बी0एन0सी0 भ्रमण तक गर्भवती महिला एवं नवजात शिशु की निरन्तर देख-रेख एवं निगरानी की जाए। प्रत्येक परिस्थिति में सुनिश्चित किया जाए की गर्भवती महिला एवं शिशु को मातृ-शिशु सेवाआंे का सम्पूर्ण लाभ मिल सके। इस मामले में किसी भी स्तर पर कोई भी लापरवाही पायी जाती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जनपद स्तर पर निरन्तर मातृ एवं शिशु मृत्यु की समीक्षा की जा रही है तथा ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियांे एवं समस्त चिकित्सा अधीक्षकांे को निर्देश जारी कर दिये गये है कि गर्भवती महिला एवं नवजात शिशु का उपचार सर्वाेच्च प्राथमिकता पर किया जाए। जिन क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु मृत्यु के प्रकरण पाये गये हैं वहां निरन्तर सुधार सहित एवं आशा/ए0एन0एम0 को पृथक रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
इससे पहले अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन0एच0एम0 डा0 निधि रावत द्वारा बैठक में सभी प्रकरणों को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया । बैठक मे चिकित्सा अधीक्षक डा0 के0एस0 भण्डारी, डा0 प्रताप सिंह रावत, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा0 विक्रम सिंह, निजी एवं सरकारी चिकित्सालयों के चिकित्सा अधिकारी, नगरीय स्वास्थ्य अधिकारी राकेश बिष्ट, जिला डाटा प्रबन्धक विमल मोर्य, एम0सी0एच कार्यक्रम अधिकारी प्रखर गुप्ता, जिला आशा समन्वयक दिनेश पाण्डे, सहित आशा व ए0एन0एम0 उपस्थित रहें।