‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के तहत शिला फलकम किया स्थापित, स्वाधीनता सेनानी के परिजनों को किया सम्मानित

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मसूरी। नगर पालिका परिषद की ओर से देश की आजादी में कुर्बानी देने वालों व सीमाओं पर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वालों की याद में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें आजादी में योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम वाले शिला फलकम का लोकार्पण किया गया। साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के 75 वर्ष पूरे होने पर 75पौधे रोपे गये। वहीँ पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों व सीमा पर शहीद हुए जवानों को सलामी दी।

           स्वतंत्रता सेनानी के परिजनों को सम्मानित करते नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता

केंद्र सरकार द्वारा देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘मेरा माटी मेरा देश’ अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत मसूरी नगर पालिका द्वारा वीरों के वंदन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कड़ी में मसूरी के दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम का शिला फलकम मसूरी झील के समीप स्थापित किया गया। जिसमें मुनेश्वर पांडे व रामचंद्र शर्मा का नाम अंकित है। जिसका अनावरण शहीद के परिजनों से कराया गया। वहीं शहीद परिवार से आभा सैली व गणेश सैली द्वारा कलश में लाई गई माटी व मसूरी झील की माटी  पालिका को सौंपीं गई। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी के परिवारों को नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा सम्मानित किया गया।

इस मौके पर अमृत काल के पंच प्राण के तहत विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी के हर अंग से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता, नागरिकों के कर्तव्य की भावना, की शपथ दिलवाई गई। साथ ही साथ शहीदों के आवास से लाई गई एवं मसूरी झील की मिट्टी को मिलाकर पौधों के साथ सेल्फी ली गई। वही वसुधा वंदन के तहत मसूरी झील के आसपास विद्यालयों से छात्र-छात्राओं ने 75 पौधों का रोपण किया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं ने शहीदों के नमन में राष्ट्रीय गीत, नृत्य व नृत्य नाटिका का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

इस मौके पर नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के अंतर्गत मसूरी झील में शहीदों की याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गये। बच्चों ने देश भक्ति के गीत गाये व नृत्य किए तथा वृक्षारोपण भी किया। उन्होंने कहा कि देश के लिए अपनी शहादत देने वाले शहीदों को हमेशा याद रखा जाएगा।

इस मौके पर स्वाधीनता सेनानी मुनेश्वर पांडे की पुत्री आभा सैली ने बताया कि उनके पिता 12 वर्ष की उम्र में घर से भाग गये थे व आजादी के आंदोलन में कूद गये व बिहार के छोटे परिवार में चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। वे क्रांतिकारियों के संपर्क में आये व तीन महीने वहां की फुलवारी शरीफ जेल में रहे व उसके बाद मुख्य जेल में भेजा गया। जब जेल से बाहर आये तो पूरे क्रन्तिकारी बन गये थे व आंदोलन में छोटे होने का फायदा उठाया व क्रांतिकारियों की सूचना एक जगह से दूसरे जगह पहुचाने का कार्य किया, ताकि बच्चा समझ कर कोई शक न करे। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद इस तरह का कार्य पहली बार किया जा रहा है। हालांकि इससे पहले इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा भी आजादी के 25 वर्ष होने पर स्वतत्रता सेनानियों को ताम्रपत्र दिये गए थे। उन्होंने पेंशन भी नहीं ली व उत्तराखंड राज्य बनने के बाद ही प्रदेश के मुख्य सचिव के आग्रह पर पेशन ली।

इस मौके पर सभासद जसबीर कौर, सुरेश थपलियाल, सरिता, जशोदा शर्मा, प्रताप सिंह पंवार, दर्शन रावत, मदन मोहन शर्मा, अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी, राजवीर सिंह चैहान, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ आभाष सिंह, स्वास्थ्य निरीक्षक वीरेंद्र सिंह बिस्ट, कीन से सुनीता कुंडले, सतीश ढौडियाल, राकेश अग्रवाल, विभिन्न विद्यालय के अध्यापक, अध्यापिकाएं, निर्मला इन्टर कॉलेज, सनातन धर्म गर्ल्स इन्टर कॉलेज, मसूरी गर्ल्स इन्टर कॉलेज, सीएसटी स्कूल, आरएन भार्गव, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, कीन संस्था की टीम, नेशनल मिशन ऑन हिमालयन स्ट्डीज की टीम, हिलदारी की टीम आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन हिलदारी प्रबंधक अरविंद शुक्ला ने किया।

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