पर्वतीय जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत चिंताजनक

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देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में ध्वस्त पड़ी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल टिहरी के भिलंगना क्षेत्र में दो महीनों में तीन प्रसुता महिलाओं की उपचार ना मिलने से हुई मौत ने खोल दी है यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भिलंगना क्षेत्र के बासर गांव की २२ वर्षीय रवीना को दीपावली के आस पास प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी बालेश्वर लाया गया जहां उसको उपचार के लिए श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां प्रसव के दौरान उसकी मौत हो गई। श्री धस्माना ने कहा कि २३ वर्षीय प्रसुता अनीशा को भी उपचार के लिए सीएचसी बालेश्वर ले जाया गया और उसे देहरादून दून अस्पताल रेफर किया गया जहां उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। श्री धस्माना ने कहा कि पिछले मंगलवार को २४ वर्षीय प्रसुता नीतू को सीएचसी पिलखी उपचार के लिए लाया गया उसे श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया गया उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।

धस्माना ने कहा कि राज्य की अधिकांश पीएचसी व सीएचसी के यही हालत हैं और इसी प्रकार जिला अस्पतालों में भी पर्याप्त स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की भारी कमी है और महिला चिकित्सकों व सर्जनों का भारी आभाव है जिसके कारण पीएचसी सीएचसी व जिला अस्पताल मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर देते हैं और इनमें से बड़ी संख्या में मरीज समय पर उपचार न मिलने से मौत के मुंह में समा जाते हैं। श्री धस्माना ने कहा कि प्रदेश के इन बिगड़े हालातों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी शीघ्र बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।