बेलगाम अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने में नाकाम धामी सरकार, पत्रकार के साथ अधिकारी द्वारा की गई अभद्रता चौथे स्तंभ पर हमला
सम्पादक की कलम से
बेलगाम नौकरशाहों व अधिकारियों की बदतमीजियों पर नकेल कसने में कोई भी सरकार जब नाकाम रहती है, तब आमजन में अराजकता और भय का माहौल पैदा होता है. गाहे बगाहे प्रदेश में नौकरशाहों व अधिकारीयों द्वारा ऐसी घटनायें सामने आती रहती है. आखिरकार उत्तराखंड सरकार पत्रकारों से इतनी भयभीत क्यों है? यह सवाल इसलिए उठना लाजिमी है क्योंकि जब पत्रकारों के सवाल सत्ता या उसके अधिकारियों के मनमाफिक नहीं होते हैं, तो उसके अधिकारी पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के बजाय उनसे उलझते नजर आते हैं. प्रदेश में अंकिता भंडारी हत्याकांड हो, या बेरोजगारों पर लाठीचार्ज का मामला हो, या फिर बेरोजगार युवाओं की आवाज बन चुके बॉबी पंवार की गिरफ्तारी का मामला हो. हर मामले से सरकारी अमला बचने की कोशिश करता दिखाइ देता है. जब भी इन मामलों में सत्ता या उसके निठल्ले अधिकारियों और नौकरशाहों से सवाल किया जाता है तो पत्रकारों के साथ अभद्रता होती है. बागेश्वर उप चुनाव के दौरान कवरेज करने गए पत्रकार के साथ भी यही देखने को मिला है. बॉबी पंवार के मामले मे पत्रकार ने सवाल किया तो अधिकारी बौखला गया और माइक छीन कर उसे तोड़ देता है. मगर मुख्यमंत्री मौन बने रहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सूचना विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास ही है.
न्यूज समीक्षा बागेश्वर सहित प्रदेश के किसी भी कोने मे पत्रकारों के साथ होने वाले ऐसी हर घटना का कड़े शब्दों मे भर्त्सना करता है. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध करता हैं कि प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. जो भी पत्रकारों के साथ अभद्रता करते हैं उनके विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करें. पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीरता दिखायें. सत्ता से सवाल करना पत्रकार का मौलिक अधिकार है, जिस पर कोई भी सत्ता अपनी हनक नहीं दिखा सकती. जब भी ऐसा होता है पत्रकारों में आक्रोश पनपना लाजिमी है.
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, अभद्रता करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की
मसूरी। विगत दिवस बागेश्वर उपचुनाव में कवरेज करने हेतु गए पत्रकार के साथ हुई अभद्रता को लेकर पत्रकार संगठनों में रोष व्याप्त है. इसके विरोध में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन द्वारा उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया है. ज्ञापन में मांग की गई है कि बागेश्वर उपचुनाव में पत्रकार के साथ अभद्रता करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाय. श्रमजीवी पत्रकार यूनियन मसूरी के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से पत्रकार की आईडी और माइक छीन कर उसे क्षतिग्रस्त किया गया वह बेहद निंदनीय है और चौथे स्तंभ पर हमला है, जिसकी सभी पत्रकार संगठन निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसका संज्ञान लें और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर समाज को आईना दिखाता है, लेकिन ऐसी घटनाओ को लेकर सभी पत्रकार संगठनों में खासा रोष उत्पन्न होता है.
ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष धमेंद्र धाकड़, अजीत कुमार, प्रेम सिंह, नीरज सिंह, मनीष गांगुली, विमल नवानी, भरत लाल, राजेश शर्मा आदि मौजूद रहे.
दूसरी ओर एक्टिव मीडिया प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुनील सिलवाल सहित अन्य पत्रकारों ने इस घटना को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर खुला हमला बताया. इस मौके उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की कि बागेश्वर में पत्रकार पर उप चुनाव के दौरान एक अधिकारी द्वारा की गई अभद्रता पर दोषी अधिकारी के खिलाफ अविलंब कड़ी कार्रवाई की जाय. उन्होंने कहा कि इस पर सरकार को गंभीरता से निर्णय लेना चाहिए अन्यथा पत्रकार आंदोलन को बाध्य होंगे. राज्य में पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने दिया जाय. इस मौके पर महामंत्री सूरत सिंह रावत, बिजेंद्र पुंडीर, नरेश नौटियाल, मोहसिन, आशीष भटट, राजवीर सिंह, दीपक सक्सेना, हरीश कालरा आदि मौजूद रहे.