मणिपुर संकट पर बोले माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, मणिपुर में फेल हुई डबल इंजन की सरकार
नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि मणिपुर संकट के समाधान के लिए संघर्षरत कुकी और मेइती समुदाय से वार्ता करने से पहले सरकार को इन समुदायों का निरस्त्रीकरण सुनिश्चित करना चाहिए. संवाददाताओं से बातचीत में येचुरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ‘डबल इंजन’ की सरकार को तीन महीने से जारी संघर्ष का समाधान करने की डबल कोशिश करनी चाहिए.
माकपा नेता ने कहा, ‘‘किसी तरह का संवाद या चर्चा होनी चाहिए और यह सरकारों (केंद्र और राज्य की) की प्राथमिकी जिम्मेदारी है. अगर यह डबल इंजन की सरकार है तो कृपया सभी को वार्ता की मेजपर एक साथ लाने में डबल कोशिश करें. हमने पूर्व में ऐसा किया है. यह भारत के सामने गत 75 साल में आई सभी समस्याओं के समाधान का एकमात्र तरीका है.’’ येचुरी ने कहा, ‘‘निरस्त्रीकरण वार्ता के लिए पूर्व शर्त होनी चाहिए. बातचीत की शुरुआत संघर्ष विराम से होनी चाहिए और इसके बाद मुद्दे पर प्रक्रिया आगे बढ़नी चाहिए.’’ उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य में संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की भी मांग की.
मणिपुर में तीन मई से जारी हिंसा को रेखांकित करते हुए येचुरी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार या तो अक्षम है या फिर लापरवाह. उन्होंने कहा, ‘‘हम लगातार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में संसद की सभी पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजने की मांग केंद्र से कर रहे हैं.’’ येचुरी ने कहा कि हम सरकार से राज्य की विपक्षी पार्टियों से भी बैठक की मांग कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन शिविरों में हिंसा प्रभावितों को रखा गया है वहां पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है.
माकपा नेता ने कहा, ‘‘हम सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल अनुसुइया उइके से हस्तक्षेप की अपील करते हैं.’’ येचुरी अपनी पार्टी के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को तीन दिवसीय दौरे पर आए. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात करने के अलावा चुराचांदपुर और मोइरांग जिलों के राहत शिविरों का भी दौरा किया. मणिपुर में मई में भड़की जातीय हिंसा में अब तक करीब 160 लोग मारे जा चुके हैं.