दो दिवसीय दौरे पर हिंसा प्रभावित मणिपुर पहुंचे राहुल गाँधी, जातीय संघर्ष से विस्थापित लोगों से करेंगे मुलाकात
Manipur: राहुल गांधी अपने दो दिवसीय दौरे पर हिंसा प्रभावित मणिपुर पहुंचे हैं। दौरे के दौरान कांग्रेस नेता राहत शिविरों में जाएंगे और जातीय संघर्ष से विस्थापित लोगों से मुलाकात करेंगे। यात्रा के दौरान राहुल गांधी इंफाल और चुराचांदपुर में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे।
Congress leader Rahul Gandhi reaches Imphal, Manipur
He is on a two-day visit to the state and will visit relief camps and interact with civil society representatives in Imphal and Churachandpur during his visit. pic.twitter.com/elSApkka0j
— ANI (@ANI) June 29, 2023
AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 29 और 30 जून को हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करेंगे। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर लगभग दो महीने से जल रहा है और उसे उपचारात्मक स्पर्श की सख्त जरूरत है ताकि समाज संघर्ष से शांति की ओर बढ़ सके। यह एक मानवीय त्रासदी है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्यार की ताकत बनें, न कि नफरत की।
पूर्व सीएम इबोबी सिंह ने की ये अपील
इस बीच, मणिपुर के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह ने राहुल गांधी की दो दिवसीय मणिपुर यात्रा के दौरान मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने और सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम मणिपुर के लोगों से अपील करते हैं कि कृपया राहुल गांधी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान शांति बनाए रखें और सहयोग दें।
नागालैंड के AICC प्रभारी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
नागालैंड के AICC प्रभारी अजय कुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मणिपुर को खबरों से गायब कराने की कोशिश रही है। राहुल गांधी और कांग्रेस देश का ध्यान मणिपुर पर केंद्रीत कराने की कोशिश कर रही है। मणिपुर में 200 से अधिक लोगों की हत्या हुईं, 1000 से ऊपर घर जले, 700 से अधिक पूजा घर, गिरजाघर तोड़े गए। राज्य में क़ानून-व्यवस्था धवस्त हो चुकी है। यह डबल इंजन की सरकार ट्रिपल समस्या वाली सरकार बन चुकी है। राहुल गांधी पीड़ित लोगों से मिलेंगे। राहुल गांधी के दौरे से प्रधानमंत्री को सीख लेनी चाहिए, उनको कोई चिंता नहीं है।
बता दें कि कांग्रेस हिंसा से निपटने के तरीकों को लेकर केंद्र और मणिपुर सरकार पर तीखे हमले कर रही है। पार्टी पहले ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर चुकी है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाए हैं।